वेद


हिंदुओं का सबसे पुराना ग्रंथ वेद है तो जैनियों का सबसे पुराना ग्रंथ क्या है ?

जैन शास्त्रों के आगम शास्त्र षट्खण्डागम हैं जो ६ खंडों में हैं | समयसार भी एक मूल ग्रन्थ माना जाता है | यहां पर मेरा यह कहना है सभी शास्त्रों का मूल तो भगवद गीता में छिपा ज्ञान है |   मैं जैन हूं लेकिन भारतीय दर्शन को मूल क्यों मानता हूं | Vijay Kumar Atma Jnani


क्या वेदों के बिना मनुष्य का जीवन अधुरा है ?

आज के समय में वेदों के ज्ञान की आवश्यकता बिल्कुल भी नही | अगर हम भगवद गीता में निहित ७०० श्लोकों का मर्म समझ लें तो काफी होगा इस जन्म में रामकृष्ण परमहंस के लेवल तक पहुंचने के लिए | गीता हमें मोक्ष द्वार तक पहुंचा देगी |   What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े […]


वेद किस प्रकार जीवन संदेश देते हैं ?

राम के समय में वेद, लेकिन कृष्ण के भगवद गीता के संदेश के बाद किसी भी साधक को वेदों में उलझने की जरूरत नहीं | मनुष्य रूप में मोक्ष की प्राप्ति तक जिस ज्ञान की हमे जरूरत पड़ेगी वह गीता में उपलब्ध है | वेदों में, उपनिषदों में या भगवद गीता में वो क्या चीज़ है जिसको पाना हर साधक […]


क्या हमें भारत के वेद पुराण भाष्य आयुर्वेदिक ग्रंथों पर विश्वास करना चाहिए ?

विश्वास !!! पूरी धरती पर सम्पूर्ण मानवता अगर जी पा रही है तो सिर्फ भारतीय दर्शन शास्त्रों के कारण – जैसे चारो वेद, ११ principal उपनिषद और भगवद गीता | अन्यथा अज्ञानियों और अधर्मियों ने दुनियां खत्म ही कर दी थी |   कलियुग के बावजूद अगर इंसानियत जिंदा है तो सिर्फ और सिर्फ भगवद गीता और उपनिषदों में निहित […]


वेद या भगवद गीता में कौन श्रेष्ठ है ?

पिता और पुत्र में किसे श्रेष्ठ कहेंगे ? पिता जो पहले आया या पुत्र जो बाद में आया ?   वेदों की उत्पत्ति उन ऋषियों द्वारा की गई जो खुद तत्वज्ञानी हो चुके थे | उन्होंने श्रुतिज्ञान के द्वारा ब्रह्म का आह्वान किया तो वेदों का ज्ञान ऊपर से उतरा | वेदों में निहित ज्ञान सीधे ब्रह्म की वाणी है, […]


वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?

जब मानव सभ्यता ने धरती पर अपने पैर जमा लिए, तो प्राकृतिक आपदाएं समय समय पर अपना उग्र रूप दिखाने लगी | जब मानव मस्तिष्क परिपक्व हो गया तो कुछ ऋषियों ने देवी देवताओं को उजागर किया | अगर बाढ़ आ गई तो वरुण देवता अस्तित्व में आ गए, उनकी पूजा, उपासना हो रही है जिससे मानव को राहत प्रदान […]