भगवदगीता का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है मोह कैसे कटे | अपने सगे संबंधियों का मोह, गुरु का मोह, नाना का मोह | मोह का कटना अध्यात्म की राह का आखिरी रोड़ा है | मोह खत्म और हमें तत्वज्ञानी बनने से कोई नहीं रोक सकता |
मोह की महत्ता इस बात से समझ आयेगी कि पूरे भारतवर्ष में अभी तक सिर्फ 2 स्त्रियों को तत्वज्ञानी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ – संत Gargi और Maitreyi (ऋषि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी) | जबकि पुरुषों की संख्या कई गुना अधिक |
नारियों में मोह कूट कूट कर भरा है | इसी कारण उनके लिए अध्यात्म का सफर दुस्वार हो जाता है | शास्त्रों में इस बात का जिक्र भी आता है कि नारियों को तत्वज्ञान प्राप्त करने के लिए पहले पुरुष योनि में आना होगा | पुरुषों की अपेक्षा नारियों के लिए मोक्ष द्वार तक पहुंचना अत्यंत कठिन है |
जिस साधक ने मोह पर कंट्रोल स्थापित कर लिया वह इसी जन्म में तत्वज्ञानी बन जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए छुटकारा पा जाएगा | और ऐसा संभव हो पाएगा भगवदगीता में संग्रहीत ज्ञान के द्वारा |
भौतिक जीवन में भी आप देखेंगे गैरों से लड़ने में एक बार को दिक्कत नहीं होगी लेकिन उनका क्या जो अपने हैं | कितने ही लोग अपनों से लड़ने से बेहतर आत्महत्या कर मृत्यु को गले लगा लेते हैं | अपनों से लड़ना आसान नहीं, वे जिन्हें आपने पालपोस कर बड़ा किया | या फिर घर के बड़े बुजुर्ग या सगेसंबंधी |
What is Moha | मोह क्या है | Vijay Kumar Atma Jnani