तीर्थयात्रा कर लें चाहे गंगा या महाकुंभ में स्नान – अगर मन का मैल नहीं गया तब क्या ?
मानव जीवन में यह बात सोलह आने सच है कि अंदरूनी मन की सफाई अंदरूनी सफर से ही होगी यानि हमें अध्यात्म में सकारात्मक सोच के साथ उतरना होगा | बैठ कर शांत भाव से सोच कर देखें – सफाई आत्मा की होनी है जो क्लेशों से घिरी हुई है न कि बाहरी शरीर की | गंगाजी में नहाने […]