भारतीय परिवेश में हिन्दू और जैन – दोनों धाराओं को धर्म/ मत नहीं माना जाता – बल्कि a way of life (जीवन जीने का एक माध्यम) मानते हैं – एक ऐसा साधन जिसके सही पालन से मोक्ष की स्थिति तक पहुंचा जा सकता है | आज के समय में धर्म को ही religion कहने लगे हैं और इस परिभाषा से सनातन धर्म, धर्म तो हुआ ही नहीं |
धर्म वास्तव में हर प्राणी में जन्म से मौजूद है | यह बात धरती पर सबसे पहले भारतीय मूल के लोगों को पता चली | और चूंकि धर्म हमेशा से मौजूद है तो उसे सनातन धर्म कहने लगे और भारतीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सनातन धर्म का follower | भारतीय हमेशा से अपने instincts को फॉलो करते आए हैं – तो अन्दर स्थित धर्म को समझने में देर नहीं लगी |
भारत में रहने वाला कोई भी अगर शास्त्रों को पढ़ता है तो हम उसे या तो आध्यात्मिक कहेंगे या सनातनी | हर सनातनी आध्यात्मिक हो जरूरी नहीं लेकिन हर सनातनी भारतीय रीतिरिवाज़ों, कर्मकांडो में विश्वास करने वाला जरूर होगा |
भारतीय इतिहास 10,800 साल पुराना है जबकि महावीर को आए लगभग 2650 साल हुए हैं | धर्म की खोज और धर्म का मूल सब भारत की देन है | पूरा पाश्चात्य जगत खोखले आदर्शों पर जबरन स्थापित सभ्यताएं हैं – जिनके मूल में सनातन धर्म के अलावा कुछ भी नहीं | धर्म क्या होता है – उन्हें नहीं मालूम ? अध्यात्म क्या होता है – उन्हें नहीं मालूम |
कोई मत है जो भारतीय दर्शन का मुकाबला कर सके ? जिन्हे आत्मा के होने में विश्वास नहीं – वे धर्म को क्या समझेंगे ?
What is the true Meaning of Dharma? धर्म का सही अर्थ क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani