स्वर्ग और नर्क


मृत्यु के बाद आत्मा कहाँ जाती है ?

ब्रह्माण्ड में व्याप्त और सूर्य के गुरूत्वाकर्षण से बंधी सभी आत्माएं सूर्य के गर्भ में स्थित हैं और कहीं आती जाती नहीं | वहीं से वे धरती पर स्थित शरीर (जीव) को संचालित करती हैं |   धरती पर मां के गर्भ में जब शिशु आ जाता है तो सूर्य के गर्भ में स्थित आत्मा remote control से switch ON […]


दुनिया स्वर्ग तुल्य कब और कैसे बन सकती है ?

कल्कि अवतार के अवतरण के लगभग ५ वर्ष बाद धरती स्वर्ग रूपी हो जाएगी | स्वर्ग यानि सतयुग, स्वर्ण काल की कल्पना, एक ऐसा समय जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था | २०२८ में कल्कि अवतार के आने की आहट शायद हमें महसूस हो | संधिकाल का अंत निकट है | राजा विक्रमादित्य जिनके समय को स्वर्ण […]


स्वर्ग लोक की भव्यता किस प्रकार की होती है ?

स्वर्गलोक की कल्पना भ्रांति नहीं, स्वर्ग में हमारा स्वयं का मूल स्थित है | सूर्य के गर्भ में जिसे स्वर्ग कहते हैं स्थित है हम सभी की आत्मा | सारी आत्माएं स्वर्गलोक यानी सूर्य के गर्भ से remote control से हमारे हृदय को चलाती हैं | पुण्य से उद्वेलित आत्मा शरीर के मृत होने पर स्वर्ग में वास करती है […]


मृत्यु के बाद शरीर ही नहीं – नरक में यातनाएं किसे दी जाती हैं ?

स्वर्ग और नर्क की धारणा एक धार्मिक मान्यता है | लेकिन अध्यात्म की दृष्टि में भी मृत्यु के समय अगर karmic balance negative (-) है और धरती पर मैचिंग पैरेंट्स नहीं हैं तो आत्मा नरक में वास करती है |   आत्मा का खुद का temperature 1 करोड़ degrees Celsius से अधिक है और अगर उसे नरक यानी सूर्य की […]


मरने के बाद आत्मा स्वर्ग जाती है या नरक कैसे मालूम चलेगा – जिंदा जा नहीं सकता मरा बता नहीं सकता ?

उपनिषदों में clear वर्णन आता है कि शरीर मृत हो जाने पर अगर आत्मा को तुरंत नया शरीर नहीं मिलता (धरती पर matching parents उपलब्ध ही नहीं हैं) तो वह सीतनिद्रा, शीतनिष्क्रियता (hibernation) की स्थिति में स्वर्ग या नरक में वास करती है – जब तक धरती पर मैचिंग पैरेंट्स उपलब्ध नहीं हो |   मानव शरीर तो मात्र एक […]


पत्नियों को ऊपर जाकर स्वर्ग मिलता है या नर्क ?

जितने भी संबंध धरती पर बनते हैं वे सिर्फ और सिर्फ एक ही जीवन से ताल्लुक रखते हैं | इस समय जो हमारी पत्नी है मृत्यु के बाद उसकी आत्मा न जाने कौन सा शरीर धारण करेगी – महिला या पुरुष का, भारत में करेगी या स्विट्जरलैंड में किसको मालूम है ?   फिर स्वर्ग या नर्क में सिर्फ और […]


आत्मा अगर नर्क में सजा भुगत चुकी है तो अगले जन्म में पाप की सजा किसलिए ?

मृत्यु के बाद अगर आत्मा को सीतनिद्रा/ शीतनिष्क्रियता (hibernation) की स्थिति में नर्क में स्थान मिलता है तो वह समय कर्मफल भुगतने का नहीं | आत्मा कैसे कर्मफल भुगतेगी ? कर्म तो सिर्फ शरीर ही कर सकता है, आत्मा तो दृष्टा की भांति कार्य करती है |   मृत्यु के समय अगर karmic balance -47 है (पापकर्मों के कारण) जिस […]


मनुष्य को अच्छे बुरे कर्म का फल स्वर्ग नरक में भोगने के बाद पृथ्वी लोक पर भी भोगना पड़ता है क्या ?

कर्मफल तो सदा से आत्मा का होता है | धरती पर मृत्यु के बाद मनुष्य का जीवन खत्म – वह एक ही जन्म के लिए था | मृत्यु के बाद हमारी आत्मा नया शरीर कहां (किस देश में) और किसके घर लेगी यह किसी को भी मालूम नहीं |   मृत्यु के समय अगर karmic balance negative है और धरती […]


स्वर्ग और नर्क का विचार मानव जीवन के उद्देश्य अस्तित्व से कैसे जुड़ा है ?

स्वर्ग और नर्क ब्रह्म की स्थापित विधियां हैं | इंसान की मृत्यु के बाद जब matching parents धरती पर उपलब्ध नहीं हों तो आत्मा कहां जाए ? इसी बात को मद्देनजर रखते हुए ब्रह्म ने स्वर्ग और नर्क की रचना की |   Matching parents उपलब्ध न होने की स्थिति में आत्मा स्वर्ग या नर्क में सीतनिद्रा या शीतनिष्क्रियता (hibernation) […]


नर्क में आत्मा को गर्म तेल की कढ़ाई में डाला जाता है यातनाएं दी जाती है लेकिन गीता अनुसार आत्मा को ना ही काटा या जलाया जा सकता है ?

पुराणों में/ धार्मिक पुस्तकों में न जाने क्या क्या पढ़ने को मिलेगा | इसीलिए अध्यात्म की राह पर चलते साधक को एक भी पुराण एक बार भी नहीं पढ़ना चाहिए | जब तक 37 वर्ष की आयु में ब्रह्म से साक्षात्कार हुआ, मैंने एक भी पुराण को हाथ भी नहीं लगाया | घर में सभी पुराण गीताप्रेस, गोरखपुर के रखे […]