स्वर्ग और नर्क की धारणा एक धार्मिक मान्यता है | लेकिन अध्यात्म की दृष्टि में भी मृत्यु के समय अगर karmic balance negative (-) है और धरती पर मैचिंग पैरेंट्स नहीं हैं तो आत्मा नरक में वास करती है |
आत्मा का खुद का temperature 1 करोड़ degrees Celsius से अधिक है और अगर उसे नरक यानी सूर्य की सतह पर वास करना पड़े तो भयंकर ठिठुरन के अलावा और क्या मिलेगा | अगर 1 करोड़ degree Celsius वाली चीज को 12 हजार degrees Celsius वाली जगह पर रखा जाए तो क्या होगा ?
बात यातना की नहीं, संबोधन की है | धार्मिक पंडितों ने नरक के concept को भयावह इसलिए बनाया कि इंसान धरती पर पुण्यकर्म में ज्यादा लगे न कि पापकर्म में | आत्मा का goal है जन्म मृत्यु के चक्रव्यूह से मुक्ति |
यह संभव हो पाएगा अगर हम हर समय पुण्यकर्म में लगे रहें न कि पापकर्म में | एक समझदार साधक इस बात का तत्व समझ हमेशा कोशिश करता है पुण्यकर्म में लगे रहने की और स्वर्ग/ नर्क जाना भी पड़े तो वास स्वर्ग में हो |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani