स्वामी विवेकानंद


क्या स्वामी विवेकानंद एक कर्मयोगी थे ?

स्वामी विवेकानन्द एक उच्च कोटि के कर्मयोगी थे |कर्मयोगी यानि कर्म तो करते थे लेकिन निष्काम भावना से | आम साधक कर्मयोगी नहीं होता | जब साधक निष्काम कर्मयोग की क्रिया को समझ हर कार्य निष्काम भावना से करने लगता है तो वह सफल कर्मयोगी बन जाता है | निष्काम भावना यानि कर्म तो करेंगे लेकिन उसके फल के पीछे […]


क्या स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी थे ?

स्वामी विवेकानंद सिर्फ अखंड ब्रह्मचारी ही नहीं थे वह बाल ब्रह्मचारी भी थे | जब तक जीवित रहे पूरी शिद्दत के साथ ब्रह्मचर्य physical व मानसिक, दोनों का पालन करते रहे | किसी भी विघ्न को आड़े नहीं आने दिया | वह बाल्यावस्था में ही जान गए थे कि कुण्डलिनी जागरण किए बिना आध्यात्मिक प्रगति संभव नहीं और पूर्ण कुण्डलिनी […]


स्वामी विवेकानंद ध्यान कैसे करते थे ?

स्वामी विवेकानंद ध्यान में चिंतन मनन के माध्यम से उतरते थे | उनकी ध्यान में रुचि बचपन से ही थी | धार्मिक कर्मकांडो से वह हमेशा दूर रहते थे – इसलिए ध्यान करना उनके लिए आसान था | सही चिंतन वही कर सकता है जो धार्मिक क्रियाकलापों जैसे पूजा, भजन कीर्तन इत्यादि से हमेशा दूर रहे | धार्मिक प्रपंचों में […]


चेहरे पर स्वामी विवेकानंद की तरह तेज कैसे लाएं ?

स्वामी विवेकानंद अखंड ब्रह्मचारी थे – अखंड यानि आजीवन ब्रह्मचर्य पालन का नियम | उनका ब्रह्मचर्य का नियम – दोनों physical ब्रह्मचर्य और मानसिक ब्रह्मचर्य पर लागू था जिसका वह कड़ाई से पालन किया करते थे | मूलाधार में इकट्ठा होते अमृत के कारण उनके चेहरे पर तेज हमेशा बना रहता था | स्वामी विवेकानंद एक अत्यंत गंभीर किस्म के […]


विवेकानन्द की मृत्यु कम उम्र में क्यों हो गई ?

स्वामी विवेकानंद जब अध्यात्म के गहरे सागर में उतरे तो भारत का अपार गौरवशाली आध्यात्मिक वैभव देख बेहद प्रसन्न हुए | धीरे धीरे उनके अंदर यह बात घर कर गई कि इस विशाल ज्ञान को दुनिया में फैलाना चाहिए | जब 1893 में विश्व धर्म संसद, Chicago में जाने का मौका मिला तो जहाज से जाने के पैसे नहीं थे […]