अगर साधक अंतरात्मा का सहारा लेना सीख ले जैसा अर्जुन ने किया तो आध्यात्मिक सफर आसान ही नहीं हो जाएगा, हम बिना किसी अड़चन अपने गंतव्य ब्रह्म तक पहुंचने में कामयाब हो जाएंगे यानी ब्रह्म का साक्षात्कार हो जाएगा | ऐसा कैसे ?
पूरी भगवद गीता महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाकाव्य महाभारत ग्रंथ का एक अंग है | अर्जुन के माध्यम से महर्षि वेदव्यास ने यह समझाने की कोशिश की है कि अगर अर्जुन हृदय में स्थित सारथी कृष्ण की आवाज़ सुनना शुरू कर दे तो वह मोक्ष पाने में कामयाब हो जायेगा |
हम सभी साधक सत्य के मार्ग पर चलते हुए अगर हृदय से आती कृष्ण (अपनी आत्मा) की आवाज़ सुनना शुरू कर दें तो कोई वजह नहीं कि हमे सभी 700 श्लोकों का सार समझ न आए | कठिनाई बस एक है | आज के कलियुग में सत्य के रास्ते पर चलना – कठिन तो है, बेहद कठिन लेकिन असंभव नहीं |
Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar