कोई भी गृहयुद्ध कभी अकारण स्वयं से नहीं होता बल्कि कराया जाता है | जब देश में अस्थिरता पैदा करनी हो तो गृहयुद्ध से बेहतर क्या ? 2014 में भारत सही मायने में एक जिंदादिल देश के रूप में उभरा | यह सब opposition में बैठी parties को बर्दाश्त नहीं | उन्हें मौका ही नहीं मिल रहा भ्रष्टाचार कर सम्पत्ति बनाने का – और कुछ कर पाएं या नहीं – पूरे देश को civil war में तो झोंक ही सकते हैं | भारतवर्ष में politicians की बस इतनी ही पहचान रह गई है | जनता जनार्दन की चिंता किसी को नहीं | लेकिन अब हम संधिकाल से गुजर रहे हैं – विश्व युद्ध सिर पर मंडरा रहा है |
ब्रह्म नियमानुसार छतम छत्ता का समय बस आ ही गया है – पूरे समाज की छटाई और कुटाई भी | एक महाभारत से पहले ऐसी ही स्थिति होती है | तृतीय विश्व युद्ध से पहले हर पार्टी तांडव नृत्य करेगी | खैर – भारतीय army के रहते सब control में रहेगा | देश में भयानक आगजनी, अराजकता की घटनाएं तो होंगी लेकिन उन पर काबू पा लिया जायेगा | लगभग 1 करोड़ देशवासी अकालमृत्यु का ग्रास बन सकते हैं – सो सावधान रहने की जरूरत है | हिन्दू मुस्लिम दंगे करवाए जाएंगे – सो सचेत रहने की जरूरत है | आग middle-east में लगेगी लेकिन दोषारोपण भारतीय सरकार पर होगा |
आने वाले समय में RSS बहुत ही अहम रोल अदा करेगा | आखिर हर सच्चे हिन्दू की आत्मा जो उनमें बसती है | एक independent नागरिक की तरह हर विपदा का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार तो करें हीं – साथ में अन्यों को भी सही बात से अवगत कराएं | हर सच्चे भारतीय को मालूम होना चाहिए कि गृहयुद्ध के पीछे कौन सी उपद्रवी शक्ति काम कर रही है | भारत को स्वर्णयुग में ले जाने के लिए इतना तो हमे करना ही होगा | हर उपद्रवी तत्व हर संभव कोशिश करेगा कि स्थिति बिगड़ती जाए लेकिन ऐसा होने से रोकना हमे ही होगा |
ध्यान रहे – हम अपनी जिम्मेदारी army के कंधों पर नहीं डाल सकते | भारतीय सेना तो अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेगी ही – हमे अपनी जिम्मेदारी स्वयं उठानी है | तभी भारत खुद के पैरों पर खड़ा हो सकेगा और हम सब भारत को विश्व गुरु बनाने में कामयाब होंगे | विघटनकारी शक्तियां कितना भी जोर लगा लें – आने वाले समय में जीत धर्म की ही होगी – अधर्म पूर्णतया पराजित होगा – यह कहना भगवान कृष्ण का है भगवद गीता में | भारत पिछले लगभग 1500 वर्षों से विघटनकारी शक्तियों के कंट्रोल में रहा लेकिन अब और नहीं | वीर सावरकर, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे देशभक्तों को मरवाने वाले आतंकियों का समय अब पूरा हो गया है | जयचंदों को ढूंढकर निबटाना ही होगा |
देश के ज्यादातर भविष्यवक्ता/ ज्योतिषी आने वाले 8 वर्षों को बेहद खौफ से भरा देख रहे हैं | Ukraine और Russia की लड़ाई (जो मूलतः US करवा रहा है Russia को check में रखने के लिए), Israel की Hamas और Lebanon के साथ असमय लड़ाई क्या दर्शाती है ? इस बार देश अंदरूनी और ब्राह्म – दोनों ओर से झुलसेगा | जीत 140 करोड़ भारत प्रेमियों की होगी – लेकिन हमें हर वक़्त चौकन्ना और कर्मठ रहना होगा | भारत हमेशा से शांतिप्रिय देश है – नपुंसक नहीं | आतंकी जो 1% भी नहीं – बस उन्हीं से सावधान रहना है | देश पर बलिदान हुए वीरों का ऋण चुकाने का वक़्त नजदीक है |
भारत अखंड भारत कब तक बनेगा – 2032? Vijay Kumar Atma Jnani