अरे सुनो – पड़ोसी के यहां एक नन्हा मेहमान आया है – चलो चल कर आशीष दे आते हैं | कितनी खुशी की बात है – कितने दिनों से कोशिश कर रहे थे और परेशान भी थे | हाय ! हमारा छोटू इस दुनिया में कब आएगा ! पत्नी भौतिक मिजाज़ की थी और पति आध्यात्मिक | बोला – जिसे तुम छोटा समझ रही हो – हो सकता है कुछ समय पहले ही वह जिंदगी से रिटायर हुआ हो ? समझ नहीं आया – खुल कर बताओ |
तो सुनो | अध्यात्म कहता है हम एक आत्मा हैं और सही वक़्त आने पर आत्मा नया शरीर धारण कर लेती है | तुम जिस बच्चे की बात कर रही हो – हो सकता है वह कुछ समय पहले अपने पिछले जीवन में 80 वर्ष की आयु पूरी करके मरा हो और फिर इस घर में नया जीवन मिल गया | आध्यात्मिक स्तर पर कोई छोटा बड़ा नहीं होता | तुमने देखा नहीं कुछ बच्चे बाल्यावस्था में भी कितने समझदार होते हैं – कारण पिछले जन्म का संचित पुण्य |
इस कारण समझदार मनुष्य को हर बच्चे की उतनी ही इज्जत करनी चाहिए जितनी बड़ों की | भारतवर्ष में ज्यादातर मां बाप अपने बच्चों पर अपना अधिकार थोपते रहते हैं – यह ग़लत है | बड़े होकर अगर बच्चा डॉक्टर बनना चाहता है तो कहेंगे आजकल फलाना इंजीनियरिंग में लोग ज्यादा सफल हो रहे हैं – तू भी कंप्यूटर इंजीनियरिंग के लिए अप्लाई कर दे | बच्चे का मन Engineer बनने का हो या न हो – इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता |
जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त करने के लिए दोनों इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत काम आती है | इच्छा अगर घर के बुजुर्गों की हो तो पूर्ण सफलता कैसे हाथ लगेगी – मन तो भटकता डोलता रहेगा | हर बुजुर्ग को बच्चों को माली की भांति प्यार करना चाहिए – उन्हें अपनी पसंद की राह पर बढ़ने का ढांढस, और जीवन में कर्मठता का पाठ पढ़ाते रहना चाहिए – बस | पौधे को सही समय पर खाद और पानी मिलेगा तो वह जीवन में आगे क्यों नहीं फले फूलेगा |
जो माता पिता माली की भांति बच्चों से व्यवहार करते हैं – उनके बच्चे हमेशा जीवन में सफलता की ऊंची से ऊंची उड़ान भर पाते हैं | बस यही तो भारत की वो संपदा है जो एक विदेशी (गोरी चमड़ी) कभी नहीं समझ पाता | भारत अगर दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश है तो इन्हीं संस्कारों के कारण और कुछ ही समय में फिर से विश्व गुरु बन पूरी दुनिया को जीने की सही राह दिखायेगा | हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए हम भारतवासी हैं और खुद की मर्ज़ी के मालिक भी |
मुझे 1965 में UK, 1977 और फिर 2000 के लगभग 3 बार US permanently जाने और वहां settle करने का मौका/ निमंत्रण मिला, बहुत सोचा लेकिन नहीं गया – क्यों ? 5 वर्ष की आयु से अपने भारत से बेइंतहा मोहब्बत थी, सात समुंदर पार दूसरे देश में बसने की इच्छा ही नहीं हुई | हमेशा यह खयाल मन में रहता – एक दिन अपने भारत को US के समकक्ष विकसित देश बनाकर ही दम लूंगा | और जब ब्रह्म से 1993 में 2 1/2 घंटे का साक्षात्कार हुआ तो लगा – हां, क्यों नहीं, भारत विश्व गुरु बन कर ही रहेगा |
जब ब्रह्म का हर पल साक्षात साथ हो तो शंका कैसी ? हृदय से आती ब्रह्म, आत्मा (या कहें कृष्ण) की आवाज़ हर समय सही राह पर चलने की प्रेरणा देती रहती है | अब आप देख भी रहे हैं – सही समय पर नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने देश की कमान संभाल ली है | BJP और RSS – दोनों मिलकर कुछ ऐसा करेंगे कि भारत की धूमिल होती छवि फिर रंग लायेगी | कुछ ही वर्षों में देश की जनता को कल्कि अवतार से रूबरू होने का सौभाग्य प्राप्त होगा – और क्या चाहिए ?
भारत अखंड भारत कब तक बनेगा – 2032? Vijay Kumar Atma Jnani