भारतीय संरक्षण राजनीतिक परिपेक्ष में


Tibet और Ladakh जब जब भारतीय संरक्षण में रहे या हैं – फल फूल रहे हैं | भारत ने 10800 वर्षों के इतिहास में कभी किसी भी देश पर आक्रमण नहीं किया | कारण – भारत वसुधैव कुटुंबकम् की नीति पर चलता है – जैन धर्म के 24th तीर्थंकर भगवान महावीर द्वारा प्रदत्त जियो और जीने दो के सिद्धांत पर |

 

लड़ना किसलिए ? सभी मानव मुसाफिर हैं 70~80 वर्ष के लिए | सभी कुछ ब्रह्म का है | जो मिला उसी ने दिया – वापस भी उसी को जाएगा | मानव सभी खाली हाथ जाएंगे – आगे जन्मों में जो जाएगा वह है मृत्यु के समय का कर्मफल | भारतीय इतिहास 10800 वर्ष पुराना है और 248 साल पहले उभरे देश US ने सभी कुछ तहस नहस कर दिया है |

 

अब जीवन दोबारा से उफान पर है | धरती मां करवट ले रही है | संधि काल से हम सभी गुजर रहे हैं – छतम छत्था होने को है यानि विश्व युद्ध 3 | समाज की सफाई अत्यंत आवश्यक है – धरती मां का रुदन क्या सुनाई नहीं देता ?

 

2021 में ब्रह्म ने कोरोना भेजा – मानव नहीं सुधरा | World War 3 में दुनिया की आबादी 20% घट जाएगी | 140~160 करोड़ लोगों की मृत्यु के बाद सब जगह अमन चैन | 2032 से सतयुग की शुरुआत – है न गजब की बात |

 

2032 पश्चात भारत अपने वर्चस्व पर होगा यानी विश्व गुरु और फिर शुरू होगा संरक्षण का खेल | पाकिस्तान और बांग्ला देश जो भारत के अभिन्न अंग थे का वापस भारत में विलय – हमेशा के लिए | तिब्बत, लद्दाख, म्यांमार, अफ़ग़ानिस्तान, श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, वियतनाम, कंबोडिया, लागोस आदि देशों का सिर झुकाकर भारत में विलय का प्रस्ताव |

 

जो देश भारत में मिलना चाहेगा तो ठीक अन्यथा उसे पूर्ण संरक्षण तो मिलेगा ही और भारत पुनः अखंड भारत में परिवर्तित हो जाएगा – पहले जैसे सोने की चिड़िया | सब कुछ 2034 तब नीबट लेगा | अखंड भारत – आबादी 200 करोड़ से अधिक | भारत की बात ही अनूठी है |

 

Shape of the World to come | आने वाले समय की झलक | Vijay Kumar Atma Jnani

 

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