अखंड भारत तभी संभव है जब कल्कि अवतार का अवतरण हो | ऐसा क्यों ?
क्या आपको ज्ञात है भारत सोने की चिड़िया कब कहलाता था ? राजा विक्रमादित्य के समय में, वो विक्रमादित्य जो सच के सिंहासन पर आरूढ़ था, जिसने एक बार भी झूठ का सहारा नहीं लिया | राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत चालू किया और उसके राज में सभी मुद्राएं शुद्ध सोने की होती थी | कहीं पर भी जोर जबरदस्ती का नामोनिशान नहीं था |
आने वाले समय में, कल्कि अवतार के आने के बाद फिर वही सच पर आधारित शासन हमें देखने को मिलेगा | पूर्ण भारत में स्वर्ण युग, सभी countries जैसे अफ़ग़ानिस्तान, बांग्ला देश, श्रीलंका, म्यांमार, मालदीव, भूटान, नेपाल, तिब्बत इत्यादि सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर भारत से अनुनय करेंगी भारत का मात्र एक state बनने के लिए |
इन सभी देशों को यह भलीभांति ज्ञात होगा कि भारत में मिलने में कितनी भलाई है | Malacca तक लगभग सभी देश पहले की तरह भारत में विलय करेंगे | यह एक ऐसी अदभुत घटना होगी जिसे सारी दुनिया कौतूहल से देखेगी | ब्रिटिश साम्राज्य ने २०० वर्षों की गुलामी कराई | फल तो भुगतना ही पड़ेगा | UK दूर होने पर भी मात्र एक स्टेट बनेगा अखंड भारत का |
सतयुग, स्वर्णयुग कोई छोटी बात नहीं | अखंड भारत की कल्पना में कोई जोर जबरदस्ती, मार काट नहीं | सभी कुछ स्वयं इच्छा से | सतयुग मतलब रामराज्य, जबरदस्ती का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता | हमें अभी यह अहसास नहीं, कल्कि क्या चीज हैं | हर काम मंत्रणा से | सतयुग में कोई भी कार्य गलत तरीके से होता ही नहीं | इसी को सतयुग, रामराज्य कहते हैं |
भारत अखंड भारत कब तक बनेगा – 2032? Vijay Kumar Atma Jnani