अध्यात्म में चमत्कार की कोई जगह नहीं – नाममात्र को भी नहीं |
जब महावीर के पास एक बुजुर्ग हाथ में कुछ संभाले, चादर में लपेटे आने को हुए – महावीर ने हाथ के इशारे से दूर से ही रोक दिया | महावीर अवधिज्ञान के द्वारा जान चुके थे कि मृत बालक में जान फूंकवाना चाहता है – महावीर बोले यहां चमत्कार के लिए कोई जगह नही | एक बार आत्मा शरीर का साथ छोड़ देती है तो वापस नहीं आ सकती |
जैन धर्म हो या हिन्दू धर्म, चमत्कारों की वाकई कोई जगह नही | किसी भी सच्चे धर्म, मत या मजहब में चमत्कारों की कोई जगह नही | हिन्दू धर्म, जैन मत logic पर आधारित हैं | शास्त्रार्थ में जो अंत तक ठहरेगा वहीं जीतेगा | जीत हमेशा सत्य की होगी |
मैं जैन हूं लेकिन भारतीय दर्शन को मूल क्यों मानता हूं | Vijay Kumar Atma Jnani