ईश्वर सबकी क्यों नहीं सुनता है ?


ईश्वर उन्हीं की सुनता है जो सत्य मार्ग पर स्थित हैं या फिर सत्कर्म, पुण्यकर्म में व्यस्त रहते हैं | अगर आप सत्यवादी और सत्कर्मी दोनों हैं तो भगवान आपकी जरूर सुनेंगे | ज्यादातर लोग असत्य के मार्ग पर चलते हुए, पापकर्म में लगे रहकर उम्मीद करते हैं ब्रह्म उनकी सुने, क्या ऐसा संभव है ? कलियुग में कहीं भी देखो, असत्य और पाप का बोलबाला है |

 

हम ब्रह्म, हृदय में स्थित आत्मा की आवाज़ न सिर्फ सुन सकते हैं बल्कि ब्रह्म से बात भी कर सकते हैं – condition सिर्फ यही है कि हम सत्यवादी हो जाएं | अगर हमारे अंदर सच को ग्रहण करने की क्षमता है तो ईश्वर से बात करने से हमें कोई नहीं रोक सकता |

 

Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar

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