अध्यात्म यानि ऐसा अध्ययन जो साधक को आत्मा तक ले जाए/ स्वयं के असली स्वरूप का अध्ययन | आज के समय में ब्रह्म तक पहुंचने के लिए अध्यात्म ही एकमात्र सहारा है – दूसरे शब्दो में इंसान को ज्ञानयोग का रास्ता लेना होगा |
सिर्फ भक्तियोग या कर्मयोग से ब्रह्म तक नहीं पहुंचा जा सकता | ब्रह्म तक पहुंचने के लिए उपनिषदों और भगवद गीता का सहारा लेना होगा | उपनिषदों और भगवद गीता का सार सिर्फ ज्ञानयोग के द्वारा समझा जा सकता है |
ज्ञानयोग में हमें ध्यान में उतरना होगा चिंतन के द्वारा | तभी हम अपने कर्मों की निर्जरा कर पाएंगे | अगर हम यह सोचे धार्मिक अनुष्ठानों या मंदिर जाकर भगवान तक पहुंचा जा सकता है तो 100% गलत | ब्रह्मलीन होने के लिए धार्मिक कर्मकांडो की आज के समय कोई मान्यता नहीं |
What is meant by Jnana Yoga? ज्ञान योग से क्या अभिप्राय है? Vijay Kumar Atma Jnani