उच्च शिक्षा ग्रहण कर कुछ सच्चे इंसानों को जब यह अहसास होता है मरने के बाद साथ कुछ नहीं जाएगा, अगले जन्म में फिर nursery class से सब कुछ दोबारा हांसिल करना होगा, तो अन्दर से उत्पन्न घबराहट और हृदय से आती कृष्ण की आवाज़ उन्हें अध्यात्म में उतरने के लिए प्रेरित करती है | वह अलग बात है successful एक भी नहीं होता |
अध्यात्म है ही ऐसी चीज, गरीब से गरीब और अमीर से अमीर इंसान को मिनटों में आध्यात्मिक बना देती है | सत्य की ताकत और आत्मा की प्रेरणा से अच्छे अच्छे इंसान बदल जाते हैं और अध्यात्म की राह पकड़ लेते हैं | बात उच्च शिक्षा की नहीं सत्य की है | जो शाश्वत है जीत हमेशा उसी की होगी |
Right Age to start a Spiritual Journey | आध्यात्मिक ज्ञान लेने की सही उम्र | Vijay Kumar Atma Jnani