एक आध्यात्मिक साधक समाज से उतना ही बंधा है जितना कि कमल कीचड़ से लबालब तालाब से |
एक आध्यात्मिक साधक को समझना समाज की सामर्थ्य नहीं | बंधे न होने के बावजूद आध्यात्मिक साधक सब का भला चाहता है | बस यही खूबी है अध्यात्म की | साधक समाज को कुछ देकर ही जाएगा | एक तरफा रास्ता है |
रामकृष्ण परमहंस जब जिंदा थे लोग उन पर पत्थर फेंका करते थे | उनके जाने के 100 साल बाद अब सब के लिए पूजनीय हो गए |
What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है ? Vijay Kumar Atma Jnani