आध्यात्मिक सफर के लिए ब्रह्म ने 11 लाख मनुष्य योनियों का चक्रव्यूह और 1 करोड़ वर्ष की अवधि दी है | चाहे हम अध्यात्म में इस जन्म में उतर जाए या फिर आत्मा पर छोड़ दें कि वह किस योनि में फिर से अध्यात्म में प्रवेश करेगी |
यह ध्यान रहे हमारा यह पहला और आखिरी जन्म है | अगला जन्म (शरीर) तो हमारी आत्मा लेगी, हम नहीं | अगर हम 12 साल अखंड तपस्या कर तत्वज्ञानी बनना चाहते हैं तो सब कुछ इसी जन्म में करना होगा |
आम इंसान की तरह जीना चाहते हो तो सिर्फ ब्रह्मचर्य का पालन कर, अपने पार्टनर के साथ life को fully enjoy करो |
What is the concept of Brahmacharya? ब्रह्मचर्य क्या है | Vijay Kumar Atma Jnani