खुशी ब्राह्म होती है, कुछ देर बाद गायब हो जाएगी | अध्यात्म की राह पकड़ जब हम निष्काम भाव से कर्म करते हैं और कर्मों की निर्जरा होती है तो सुकून मिलता है – आंतरिक खुशी | सुकून तभी मिलता है जब कोई चीज़ जड़ से हासिल हो | जैसे – हम किसी प्रश्न का उत्तर बहुत समय से चिंतन में उतरकर खोज रहें हों और उत्तर अचानक बाहर छलक आए तो जो हमे प्राप्त होगा वह सुकून होगा – चलो एक और प्रश्न से निजात मिली, अब अगले प्रश्न को देखते हैं |
हम काफी वर्षों की जद्दोजहद के बाद अपना मकान बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो जो हमें मिला वह सुकून है खुशी नहीं, जो कुछ समय में गायब हो जाएगी | 2012 के US प्रवास के दौरान अख़बार में पढ़ा किसी धोबिन (washer woman) की 780 करोड़ की लॉटरी लगी है | बेचारी मुश्किल से घर का खर्चा चला रही थी | उसे जो मिला वह सुकून है, न खत्म होने वाला खजाना |
ध्यान रहे मूलतः सुकून आध्यात्मिक मार्ग में मिलता है क्योंकि हर उन्नति permanent होती है |
What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है ? Vijay Kumar Atma Jnani