किसी भी द्वार में नहीं | मनुष्य जीवन के चक्रव्यूह में तब तक फंसा रहेगा जब तक वह अपने आप को चौरासी लाखवी योनि में स्थापित नहीं कर लेता | अभिमन्यु की कहानी सिम्बोलिक है छिपे हुए आध्यात्मिक मर्म को समझाने के लिए | मुक्ति के द्वार तक पहुंचना ही हर प्राणी (अभिमन्यु) का लक्ष्य है |
अभिमन्यु महाभारत युद्ध में चक्रव्यूह में फँस क्यों मारा गया, छिपा मर्म आध्यात्मिक परिपेक्ष में