महाभारत में ही क्यों, धरती पर मौजूद 800 करोड़ लोगों में एक भी इंसान को चक्रव्यूह से बाहर निकलना नहीं आता | अभिमन्यु और चक्रव्यूह का episode मात्र symbolic है अंदर छिपे गूढ़ तत्व को समझने के लिए |
अभिमन्यु की तरह हम सब भी इस चक्रव्यूह रूपी धरती के मायाजाल में आ तो जाते है, पैदा हो जाते हैं (अपनी मर्जी से नहीं) लेकिन तत्वज्ञानी होकर मुक्ति कब मिलेगी, किसी को नहीं मालूम |
भारतीय दर्शन शास्त्रों में सब मूल बातें छिपी हुई हैं | उन्हें समझने के लिए हमें विवेक का इस्तेमाल करना होगा | जैसे हंस कूड़े से भी मोती चुग लेगा | और कमल शान से कीचड़ में भी खिल जाएगा |
पूरा महाभारत महाकाव्य महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित है | जीवन के गहन रहस्यों/तथ्यों को समझाने के लिए ही महाभारत ग्रंथ की रचना हुई | यही कारण है कई बार पढ़ने पर भी कुछ समझ नहीं आता | भारतीय दर्शन शास्त्रों को समझने के लिए ध्यान में चिंतन के सहारे उतरना ही होगा | और कोई रास्ता नही |
अभिमन्यु महाभारत युद्ध में चक्रव्यूह में फँस क्यों मारा गया, छिपा मर्म आध्यात्मिक परिपेक्ष में