अवतार बनने की प्रक्रिया अचानक नहीं होती | हजारों वर्ष पहले यह तय हो जाता है किस आत्मा को ऐसा सुअवसर मिलेगा | वह आत्मा उसी श्रृंखला में एक के बाद एक शरीर धारण करती रहती है | और अंततः ऐसा शरीर धारण करती है जो मानव भगवान बन सके | इसके साथ साथ उस मानव भगवान को अपने अंदर चाणक्य की शक्ति जगानी होती है |
तब तैयार होता है ऐसा मानव भगवान, एक अवतार जो अधर्म का नाश कर धर्म को स्थापित करने में कामयाब होता है | 800 करोड़ लोगों में क्या ऐसा कोई इंसान नजर आता है – जो महर्षि रमण भी हो और चाणक्य भी ? ऐसा साधक धरती पर है तो जरूर पर सभी उसे पहचानने में असफल हैं | वक़्त आने पर वह आगे आएगा |
भगवान का अवतार कब होता है? Vijay Kumar Atma Jnani
