धरती पर अवतार का अवतरण 3500 ~ 5000 वर्षों में एक बार होता है – यह ब्रह्म का बनाया नियम है | मानवता को नीचे से उठाकर शीर्ष तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अवतार की होती है | लगभग 3650 वर्ष पूर्व द्वापर युग में कृष्ण आए थे और कुछ ही सालों में दुनिया आने वाले कल्कि अवतार के दर्शन करेगी – 2032 तक या उससे पहले |
अवतार यानी एक महावीर जैसा मानव भगवान और उसमें समाहित हों चाणक्य जैसे आदर्श पुरुष की कूटनीति – एक ही रात में 100 राजा मरवाने की क्षमता | आने वाला कल्कि अवतार तभी समाज की पूर्ण शुद्धि करने में काबिज होगा | पूरे समाज को दोबारा श्रेष्ठता के शीर्ष आयाम तक पहुंचाना, अधर्म का नाश कर धर्म को पुनर्स्थापित करना कोई छोटा कार्य नहीं |
कल्कि अवतार के आने का एक ही मतलब है – सतयुग की शुरुआत, गुरुकुल परंपरा का पुनरुत्थान और सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु पूरे संसार में आनंद का स्थापत्य | पूरी दुनिया के लोग झूम झूम कर नाचे गाएं और स्वर्णिम काल का भरपूर स्वाद चखें | पूरे विश्व की बची हुई 80% आबादी आराम से जी सकेगी – धरती के अप्रतिम सौंदर्य को भोग सकेगी |
आने वाले समय में हम दोनों ही देखेंगे – गहन काली अंधेरी रात (world war 3 की विभीषिका) और फिर प्रातः की भोर (सूर्य की पहली किरण – कल्कि अवतार का अवतरण) – सतयुग की शुरुआत | सभी कुछ आने वाले 10 वर्षों में घटित हो जाएगा जब 2034 तक पूरी दुनिया भारत को विश्व गुरु मान आगे बढ़ जायेगी | ऐसे अखंड भारत का पुनर्निर्माण जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता |
2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani