अवतार का पूजा पाठ से दूर दूर तक का रिश्ता नहीं | क्यों ? अवतार सिर्फ आध्यात्मिक पद्धति के तहत धरती पर अवतरित होते हैं | वह सिर्फ और सिर्फ शोधन के लिए धरती पर आते हैं | जब धरती पर अधार्मिक प्रवत्तियां सिर उठाने लगें और जीवों का रहना मुश्किल हो जाए तो हम सभी में से एक मनुष्य अपने अंदर असाधारण आध्यात्मिक शक्तियां ब्रह्म से ग्रहण कर लेता है |
अधर्म का जड़ से नाश कर धर्म दोबारा स्थापित करना ही उसका मुख्य उद्देश्य है | तो ऐसे में उसकी पूजा क्या करनी ? कल्कि one man show जरूर है लेकिन सत्य की राह पर चलने वाले लाखों साधकों की उसे हर वक़्त जरूरत होगी | हमें अगर कल्कि का साथ देना है तो पूजा नहीं, बल्कि अपने को ऐसे साधना चाहिए कि समय आने पर कल्कि अवतार का साथ दें सकें |
भगवान का अवतार कब होता है? Vijay Kumar Atma Jnani