ब्रह्म ने मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों का सफर (1 करोड़ वर्ष की अवधि) निमित्त की है आत्मज्ञान पाने के लिए | भारतीय परिवेश में आत्मज्ञान, कैवल्य ज्ञान, तत्वज्ञान, ब्रह्मज्ञानी होना, तीसरा नेत्र खुलना, सहस्त्रार activate होना, छठी इंद्री जागृत होना, 84 लाखवी योनि पर पहुंचना – सब एक ही बात के सूचक हैं |
कोई भी साधक अगर 12 वर्ष की अखंड तपस्या – ब्रह्मचर्य और ध्यान की पूरी कर ले तो वह इसी जन्म में महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण का लेवल प्राप्त कर लेगा |
12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani