आत्मज्ञान किसी भी समय, किसी भी युग में प्राप्त किया जा सकता है बस अपने अंदर सामर्थ होना चाहिए | भारत में 99.99% लोग जो आत्मज्ञान पाना चाहते हैं, लगभग सभी ने कोई न कोई गुरु बना रखा है | उनकी आत्मज्ञान पाने की आस तो वैसे ही zero हो गई | आत्मज्ञान के रास्ते पर गुरु का क्या काम ?
अगर इतनी छोटी सी बात साधक समझ नहीं पा रहा तो वह तो nursery class के बालक की तरह है – तो पीएचडी (आत्मज्ञान) कैसे प्राप्त करेगा ? अध्यात्म के रास्ते में ब्रह्म में पूर्ण श्रद्धा, सत्यमार्ग पर चलने का साहस, और ध्यान और ब्रह्मचर्य की 12 वर्ष की अखंड तपस्या का सामर्थ जरूरी है |
सत्य, ध्यान और ब्रह्मचर्य – इन तीनों विषयों पर मेरे वीडियो चैनल पर उपलब्ध हैं | मेरा मानना है जो साधक सामर्थ है वह इन 3 वीडियो के माध्यम से अपने जीवन में आसानी से स्वामी विवेकानंद की स्थिति पर पहुंच सकता है | 12 वर्ष की ब्रह्मचर्य की तपस्या सबसे कठिन है – 12 वर्ष तक हमारे अंदर एक भी negative विचार न आए, यह होता है मानसिक ब्रह्मचर्य |
12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani