आत्मज्ञान उम्र की किस अवस्था से होता है ?


आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए परमात्मा ने मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों का लंबा समय निर्धारित किया है (लगभग 1 करोड़ वर्ष की अवधि) | 5 वर्ष की आयु के बाद इंसान ब्रह्म की खोज में निकल सकता है | निर्धारण हमें करना है प्रभु को नहीं | मूलतः हम अध्यात्म में कब उतरेंगे – यह तय करता है पिछले सभी जन्मों का कर्मफल |

 

अगर हम पिछले जन्म में आध्यात्मिक सफर शुरू कर चुके हैं तो इस जन्म में भी हमारी आत्मा इस राह पर चलने के लिए प्रेरित करेगी | जिस दिन इंसान को लगेगा अब बहुत हो गया आना जाना – और चिंतन के बाद अगर वह इस नतीजे पर पहुंचता है कि आध्यात्मिक सफर शुरू कर देना चाहिए तो इस सफर पर जाने से उसे कोई रोक भी नहीं सकता |

 

बार बार पैदा होना, घर बार बसाना, मृत्यु को प्राप्त होना और फिर पैदा हो जाना – कभी कभी बड़ा भयावह लगता है | जिस इंसान के अंदर स्वामी विवेकानंद जैसी दृढ़ता हो वह सकुशल इस यात्रा पर जा सकता है | हमेशा ध्यान रहे – आत्मज्ञान प्राप्त होने का मतलब है महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण के level पर पहुंच जाना |

 

Right Age to start a Spiritual Journey | आध्यात्मिक ज्ञान लेने की सही उम्र | Vijay Kumar Atma Jnani

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