आत्मज्ञान होने पर कैसे पता चलेगा ?


जब इंसान महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण बनेगा – उसे कैसे मालूम चलेगा कि वह आत्मज्ञानी हो गया ? जब हमारी कुण्डलिनी पूर्णतया जागृत होगी और चक्र खुलेंगे – हमें मालूम कैसे चलेगा आत्मज्ञान होने का ? जब हम 84 लाखवी योनि में स्थापित होंगे और भगवद गीता और उपनिषदों में निहित ज्ञान के स्वामी होंगे – तो हमें आत्मज्ञान होने का कैसे पता चलेगा ?

 

जब हमें साक्षात ब्रह्म का पूर्ण साक्षात्कार होगा – तब भी हमें आत्मज्ञान होने का पता कैसे चलेगा ?

 

भगवद गीता में वैसे भी कृष्ण कहते हैं – कर्म करो कर्मफल की चिंता नहीं | जब आत्मज्ञान होगा ब्रह्म अच्छे से पीठ थपथपा कर उठाएंगे और 84 लाख योनियों का साक्षात दर्शन कराएंगे | काफी समय साथ गुजारेंगे | क्या तब भी शक रह जाएगा कि क्या हांसिल हुआ ? आत्मज्ञान होने के बाद आत्मज्ञानी चाहे तो 3 घंटे के भीतर शरीर त्याग मोक्ष ले सकता है | आत्मज्ञान यानी एक शुद्ध आत्मा बन जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए मुक्ति |

 

What is Moksha in simple terms? मोक्ष क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.