अगर किताबी ज्ञान से आत्मज्ञान मिल जाता तो प्रभु को 11 लाख मनुष्य योनियां बनाने की जरूरत ही क्या थी ? फिर तो बच्चा पैदा होता बड़े होकर अ आ इ ई सीखता और सीधे भगवद गीता के 700 श्लोकों की पढ़ाई | 25 की उम्र आने तक काम पूरा और मोक्ष हो जाता |
यह बात 100% तय है अगर कोई भगवद गीता के 700 श्लोकों में निहित ज्ञान को ध्यान के माध्यम से अपने अंदर उतार ले तो इसी जन्म में तत्वज्ञानी हो जाएगा | गीता के 700 श्लोक मूल रूप में गीताप्रेस, गोरखपुर से मात्र Rs. 5/= में उपलब्ध हैं और महर्षि रमण, आखिरी तत्वज्ञानी को शरीर त्यागे 74 साल हो गए – अगला आत्मज्ञानी कहां है ?
भगवद गीता के सिर्फ 700 श्लोकों में वह ज्ञान छिपा है जिसे प्राप्त कर jesus, jesus christ हो गया और पाश्चात्य जगत कहता है भारतीय दर्शन mythology है ? Shameful अज्ञानी लोग ! हर समझदार भारतीय को यह बात ध्यान रखनी होगी कि बिना ध्यान/ चिंतन में उतरे ज्ञान प्राप्त हो ही नहीं सकता |
What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े | Vijay Kumar Atma Jnani