ब्रह्मज्ञान और आत्मज्ञान क्या गंभीर लोगों की धरोहर है ?


आत्मज्ञान/ ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना है तो serious तो होना ही पड़ेगा | एक लाख नोबेल पुरस्कार स्वामी विवेकानंद के चरणों में समर्पित कर दें तो भी स्वामी के लिए उनकी कीमत zero ही रहेगी ? आत्मज्ञान ब्रह्मज्ञान भौतिक ज्ञान से हटकर है – भौतिक ज्ञान जिसका मूल उद्देश्य होता है रोटी रोज़ी कमाना |

 

कोई भी इंसान कितना भी पढ़ा लिखा हो, आत्मज्ञान ब्रह्मज्ञान पाने के लिए पूर्णतया सक्षम है | भौतिक जीवन के किताबी ज्ञान का उसमे कोई हस्तक्षेप नहीं | अंगूठा टेक आराम से सत्य की राह पकड़ महावीर या महर्षि रमण बन सकता है |

 

आत्मज्ञानी/ ब्रह्मज्ञानी बनने के लिए अंतर्मुखी होना जरूरी है – बाहर की हलचल से एकदम बेखबर | ज्ञानयोग में उतरने के लिए चिंतन में उतरना होगा जो एक आंतरिक प्रक्रिया है |

 

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