महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाकाव्य महाभारत में कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीतोपदेश एक बहुत ही सार्थक बात से हमारा परिचय कराता है | कृष्ण कहते हैं – अगर तत्वज्ञानी बनना चाहते हो/ अगर मुझ तक पहुंचना चाहते हो तो सत्य का मार्ग पकड़ अपने हृदय से आती आवाज़ को सुनो – यह आवाज़ और किसी की नहीं बल्कि मेरी/ तुम्हारी अपनी आत्मा की है |
अगर हम यह समझ पाए कि कृष्ण और कोई नहीं बल्कि सारथी के रूप में हृदय में विराजमान हमारी आत्मा है तो हृदय से आती कृष्ण/ आत्मा की आवाज़ के द्वारा हम भगवद गीता के 700 श्लोकों का मतलब स्वतः ही समझ जाएंगे – बस चिंतन में उतरना पड़ेगा |
मुझे 5 वर्ष की आयु से हृदय से आती सारथी (कृष्ण) की आवाज़ साफ सुनाई देती है – इसी आवाज़ की मदद से अंततः मुझे भगवद गीता और उपनिषदों का सार समझने में कभी भी दिक्कत नहीं हुई | इस जीवन में अगर हम आध्यात्मिक तरक्की करना चाहते हैं तो सत्य का रास्ता हमें पकड़ना ही होगा – अन्यथा गीतासार कभी भी समझ नहीं आएगा |
Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani