ब्रह्म का एहसास सिर्फ अध्यात्म के रास्ते पर चलकर किया जा सकता है | जब साधक ध्यान में चिंतन के माध्यम से उतरता है तो धीरे धीरे आध्यात्मिक प्रगति होती है और अंततः साधक रामकृष्ण परमहंस बन ही जाता है |
Dhyan kaise karein | ध्यान करने की सही विधि | Vijay Kumar Atma Jnani