क्या भगवान को प्राप्त करना संभव है ?


ब्रह्म से साक्षात्कार, कैवल्यज्ञानी बनना, निर्विकल्प समाधि की स्थिति में पहुंचना आसान तो नहीं लेकिन असंभव भी नहीं | ब्रह्म प्राप्ति के लिए ब्रह्म ने 84 लाख योनियों का लंबा सफर निर्धारित किया है जिसमें आखिरी 11 लाख योनियां तो सिर्फ मनुष्य रूप में हैं | 11 लाख में हम जिस योनि में भी स्थित हैं, यह संभव है हम सारी योनियां पार कर चौरासी लाखवी योनि इसी जन्म में पहुंच जाएं |

 

यह तब संभव होता है जब हम ध्यान में चिंतन के माध्यम से उतरते हैं | ऐसा करने से कर्मों की निर्जरा शुरू हो जाती है| कर्मों की पूर्ण निर्जरा यानि आत्मा शुद्ध अवस्था में आ गई और शुद्ध हुई आत्मा को अब धरती पर एक नया शरीर धारण करने की आवश्यकता ही खत्म हो गई | शुद्ध हुई आत्मा तुरंत परमात्मा (ब्रह्म) में विलीन हो जाती है और जन्म और मृत्यु का चक्र खत्म हो जाता है |

 

मैं 5 वर्ष की आयु में ब्रह्म की खोज में चला | गुरु ढूंढा पर नहीं मिला | हारकर ब्रह्म से विनती करी – क्या आप मेरे गुरु बनोगे तो आवाज आयी – हां, क्यों नहीं | मेरे तो आश्चर्य की सीमा ही नहीं रही – सब कुछ मिनटों में हो गया | कितने समय से गुरु को ढूंढ रहा था और यहां खुद ब्रह्म गुरु बनने के लिए तैयार हो गए | बस उस दिन के बाद से मैंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा | क्यों – क्योंकि मुझे खुद पर भी उतना ही भरोसा था जितना ब्रह्म पर |

 

ब्रह्म की खोज करते करते कब IIT से engineering की, कब शादी और फिर बच्चे – सब क्रमवार होता गया और बच्चों से निवृत्त हो मैंने 12 वर्ष की अखंड ध्यान और ब्रह्मचर्य की तपस्या शुरू की | 37 वर्ष की आयु में 3 अगस्त की भोर 1.45 a.m. पर ब्रह्म ने दस्तक दी | छत पर ले गए और 2 1/2 घंटे में उन्होंने 84 लाख योनियों का पूर्ण दर्शन कराया | नीचे वापस आने पर 3 पन्नों का dictation देकर अंतर्धान हो गए |

 

ब्रह्म के जाने के बाद जब होश आया और मैंने पढ़ा तो ज्ञात हुआ मैं चौरासी लाखवी योनि में स्थापित हो चुका हूं | यह मेरा आखिरी जन्म है – जब शरीर छोडूंगा तो मोक्ष हो जाएगा यानि जन्म मृत्यु के चक्र से हमेशा के लिए मुक्ति | आत्मसाक्षात्कार हुए 32 साल हो गए – मैं अब भी जब चाहूं ब्रह्म से बात कर सकता हूं | आध्यात्मिक सफर कठिन था – बेहद कठिन – बस ब्रह्मकृपा से हो ही गया |

 

What was the role of Arjuna in Mahabharata? आज का अर्जुन कौन आध्यात्मिक परिवेश में | Vijay Kumar

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