मनुष्य शरीर आत्मा ने धारण किया है अपनी शुद्धि के लिए | हृदय में विद्यमान कृष्ण (हमारी आत्मा), जब भी हम पापकर्म करते हैं तो अन्दर से prompt करते हैं कि ऐसा करना गलत है लेकिन कृष्ण की, आत्मा की आवाज़ को सुनता कौन है ?
अपनी bloated मैं (अहंकार) के कारण हम उस अंदर से आती आवाज को दबा देते हैं | आत्मा (कृष्ण) की आवाज तभी सुनाई देती है जब हम सत्यवादी होते हैं, अन्यथा नहीं |
आत्मा कुछ समय तक prompt करती रहती है लेकिन अगर हम उस आवाज़ को अनसुना करते रहेंगे तो एक दिन वह आवाज़ आनी बंद हो जाती है | झूठ का मुलम्मा जो चढ़ जाता है हमारी जुबान पर |
Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar