आत्मा को पूर्ण शुद्धि प्राप्त करने (सतोप्रधान बनने) में कितना समय लगता है ?


आत्मा की पूर्ण शुद्धि के लिए ब्रह्म ने मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों का सफर तय किया है और पूर्ण रूपेण 84 लाख योनियों का | शास्त्रानुसार 11 लाख योनियों का सफर पूरा करने के लिए लगभग 1 करोड़ वर्ष की अवधि चाहिए | अगर मनुष्य कोई आध्यात्मिक प्रगति न करे तो वह योनि दर योनि सफर करता हुआ चौरासी लाखवी योनि में मोक्ष की स्थिति में आ जाएगा |

 

जो लोग सोचते हैं गंगाजी में नहाने से, महाकुंभ इत्यादि में जाने से आध्यात्मिक प्रगति होती है तो उनसे बड़ा अज्ञानी कोई नहीं | आध्यात्मिक मार्ग पर प्रगति सिर्फ और सिर्फ चिंतन में उतरने से होती है | हमें महर्षि रमण द्वारा प्रतिपादित self enquiry, नेति नेति के द्वारा हर उस वस्तु को negate करना होगा जो ब्रह्म नहीं है | तभी हम निर्विकल्प समाधि की अवस्था तक पहुंच सकेंगे |

 

आत्मा की पूर्ण शुद्धि का मतलब है रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण की स्थिति प्राप्त कर लेना | चौरासी लाखवी योनि में पहुंचना इतना आसान नहीं | जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर महावीर ने टीले पर खड़े होकर 12 साल तपस्या की और गौतम बुद्ध ने 12 साल बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर | 12 वर्ष की गहन तपस्या (आत्मचिंतन) के बाद ही आत्मा का पूर्णतया शुद्ध होना संभव है | 12 साल की तपस्या का सच नीचे वीडियो में देखें –

 

12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani

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