आत्मा ने जो शरीर धारण कर रखा है, मृत्यु के समय उस शरीर का जो भी karmic balance होता है, उस आधार पर आत्मा matching parents ढूंढती है | अगर मैचिंग माता पिता उपलब्ध हैं तो आत्मा तुरंत नया शरीर धारण कर लेती है | अगर नहीं तो आत्मा स्वर्ग या नरक में वास करती है सिर्फ उतने समय के लिए जब तक धरती पर मैचिंग parents न मिल जाएं |
Karmic theory एक विशाल कंप्यूटर की तरह काम करता है जहां हर आत्मा, जीव का क्षण क्षण का लेखा जोखा है | नए matching माता पिता ढूंढने में आत्मा को कोई परेशानी नहीं होती, सब automatic होता है | मरते समय जीव का जो DNA होता है उसी अनुसार parents ढूंढने होते हैं | स्वर्ग और नर्क होते ही हैं आत्मा के लिए |
आत्मा माता पिता नहीं, सिर्फ अगले शरीर का चयन करती है जो मूलतः एक automatic क्रिया है |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani