Suppose एक १००० pieces की puzzle है तो puzzle का एक piece एक आत्मा, और completed puzzle परमात्मा यानी ब्रह्म | ब्रह्माण्ड में जितनी भी आत्माएं हैं जब वो ८४ लाखवी योनि में पहुंच जाती हैं यानि पूर्ण शुद्धि प्राप्त कर लेती हैं तो वह अस्थ अंगुष्ठ (आधे अंगूठे) का आकार लेती हैं |आत्माओं के इसी गुच्छे को ब्रह्म परमात्मा कहते हैं |
Difference between Atman and Brahman | आत्मा परमात्मा में भेद | Vijay Kumar Atma Jnani