आत्मा को भौतिक आंखों से देखा तो नहीं जा सकता लेकिन आध्यात्मिक जीवन में महसूस किया जा सकता है | मैंने ५ वर्ष की आयु से हृदय से आती आत्मा की आवाज को इस तरह से सुना है जैसे आप और हम आपस में बात करते हैं |
हृदयस्थल से आती इस आवाज की वज़ह से मेरी अपनी आध्यात्मिक प्रगति शीर्ष पर रही | कभी पीछे मुड़कर देखने की नौबत ही नहीं आई | मैं ५ वर्ष की आयु से सत्य के मार्ग पर चला | इसका फायदा यह हुआ कि मैं हृदय से आती आत्मा की आवाज को स्पष्ट सुन सका |
६ १/२ वर्ष की आयु में मैं भगवान की खोज में चल दिया | ३१ वर्ष बाद १९९३ की ३ अगस्त सुबह १.४५ पर ब्रह्म ने दस्तक दी, २ १/२ घंटा मेरे साथ रहे और मैं जीवन के आखिरी चरण में पहुंच गया, चौरासी लाखवी योनि ! अब मैं एक शुद्ध आत्मा बन चुका था |
Who can see the Soul? आत्मा को कौन देख सकता है? Vijay Kumar Atma Jnani
