अध्यात्म और जवानी का गूढ़ रिश्ता है | अगर सच में आध्यात्मिक सफर इसी जन्म में पूरा करना है तो अध्यात्म में कदम जवानी में ही रखना होगा, जितना जल्दी हो – बेहतर होगा | जवानी में 12 साल की तपस्या पूरी करने के chance ज्यादा हैं बुढ़ापे के comparison में |
बुढ़ापा आते आते हाथ पैर इतने ढीले हो जाते हैं कि इंसान फिर टाल ही जाता है – चलो अगले जन्म में देख लेंगे |
Right Age to start a Spiritual Journey | आध्यात्मिक ज्ञान लेने की सही उम्र | Vijay Kumar Atma Jnani