क्या मनुष्य काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार से मुक्त हो सकता है ?


काम क्रोध अहंकार लोभ और मोह पर पूर्ण कंट्रोल पाने के लिए हमें अध्यात्म का रास्ता लेना होगा | आध्यात्मिक साधक लोभ का परित्याग तो जल्दी ही करना सीख लेता है | न लेकर आए थे न लेकर जाएंगे, यह अहसास लोभ से मुक्ति दिलाता है |

 

काम और क्रोध पर कंट्रोल ब्रह्मचर्य पालन करते हुए होता है | अहंकार और मोह पर विजय पाने के लिए हमें ध्यान में उतरना होगा गहन चिंतन के माध्यम से | एक समय ऐसा आयेगा जब हमें हृदय में बैठी अपनी आत्मा की आवाज गाइड करना शुरू कर देगी | वक़्त लगेगा, ब्रह्म ने पांचों इंद्रियों पर पूर्ण कंट्रोल पाने के लिए मनुष्य रूप में ११ लाख योनियों की व्यवस्था की है |

 

यह हमारे ऊपर है हम इसी जन्म में सब कुछ कर पाएंगे या नहीं, जैसे रामकृष्ण परमहंस व महर्षि रमण ने किया | ब्रह्म के बनाए नियमानुसार १०० ~ १५० वर्षों में ८०० करोड़ जनसंख्या में १ या २ साधकों को पांचों इंद्रियों पर कंट्रोल पाने का मौका मिलता है |

 

What is the concept of Brahmacharya? ब्रह्मचर्य क्या है | Vijay Kumar Atma Jnani

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