अगर कोई एक जन्म में अध्यात्म में थोड़ी प्रगति कर लेता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो अगले जन्म में क्या फिर से पहली सीढ़ी से शुरुआत करनी होगी ?


अध्यात्म की यही सबसे बड़ी खूबी है कि जो भी उन्नति साधक इस जन्म में कर लेगा वह नष्ट नहीं होती, अगले जन्म में हम उसी level से शुरू करते हैं जिस level पर पिछले जन्म में मृत्यु के समय छोड़ा था | इसके विपरित बिल गेट्स को लीजिए, इस जन्म में लाखों करोड़ के मालिक, हो सकता है अगला जीवन किसी गरीब परिवार में गुजरे |

 

हर साधक को दिल से अध्यात्म में प्रगति करनी चाहिए, जरूरी तो नहीं सबकुछ इसी जीवन में मिल जाए क्योंकि प्रभु ने खुद ही 11 लाख मनुष्य योनियों का सफर बनाया है |

 

1.1 million manifestations in Human form? मनुष्य रूप में ११ लाख योनियों का सफर | Vijay Kumar

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