सच्चा गुरु कौन – जिसे तत्वज्ञान प्राप्त हो गया हो जैसे महर्षि रमण | महर्षि रमण को गुजरे 74 साल हो गए – दूसरा महर्षि रमण क्यों नहीं आया ? महावीर कहते थे – जब तक कैवल्य ज्ञान ने हो जाए, देशना (discourse) मत देना | अधकचरा ज्ञान जो आजकाल के गुरु बांट रहे हैं उसे लेकर क्या करोगे ?
अध्यात्म में गुरु की वैसे भी आवश्यकता नहीं | आध्यात्मिक ज्ञान किताबी ज्ञान कि तरह नहीं पढ़ा जाता | आध्यात्मिक सफर अंदर की journey है जो सीधे हृदय तक जाती है | ध्यान में चिंतन के माध्यम से उतरकर कर्मों की निर्जरा करनी होती है, अपने अंदर उमड़ते प्रश्नों को जड़ से खत्म करना होता है | ऐसे में गुरु क्या करेगा ?
अगर महावीर या महर्षि रमण जैसा गुरु मिल भी जाए तो 800 करोड़ लोगों में जरूरी तो नहीं हमें शिष्य स्वीकार कर ले | आध्यात्मिक गुरु तो पेड़ के नीचे या चारपाई पर बैठकर साधकों की शंकाएं दूर करते हैं – जैसे रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण करते थे | 12 वर्ष की ध्यान और ब्रह्मचर्य की अखंड तपस्या आध्यात्मिक जीवन का मूल है |
12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani