भगवद गीता के ७०० श्लोकों में ज्ञान के अलावा और कुछ भी नहीं | भगवद गीता के श्लोकों में निहित ज्ञान सिर्फ चिंतन के माध्यम से ग्रहण किया जा सकता है | गीता ज्ञान की जरूरत पड़ती है आत्मा के अंदर निहित अज्ञान को खत्म करने के लिए | हमें अपने मस्तिष्क में कुछ भरना नहीं है बल्कि उसके अंदर निहित अज्ञान को बाहर निकालना है | तभी हम निर्विकल्प समाधि की अवस्था में पहुंच सकेंगे |
What is meant by Jnana Yoga? ज्ञान योग से क्या अभिप्राय है? Vijay Kumar Atma Jnani