जब हम सत्य के मार्ग पर चलते हुए कर्मों की निर्जरा करते रहते हैं तो कहा जा सकता है कि अमुक साधक की आध्यात्मिक उन्नति हो रही है | कर्मों की पूर्ण निर्जरा का मतलब हुआ रामकृष्ण परमहंस बन जाना, उस स्थिति में पहुंच जाना जब हम एक शुद्ध आत्मा बन जन्म और मृत्यु के चक्र से हमेशा के लिए छुट जाते हैं, मुक्त हो जाते हैं |
अध्यात्म का रास्ता यानि प्रभु, ब्रह्म से साक्षात्कार की चाहत | यह संभव हो पाता है जब हम चिंतन के माध्यम से ध्यान में उतरते है यानि तपस्या में लीन होते हैं | १२ साल की ब्रह्मचर्य की तपस्या और १२ साल का वनवास (घोर आंतरिक तपस्या) किसी भी साधक को पहले स्वामी विवेकानंद और फिर रामकृष्ण परमहंस के level पर ले जा सकती है |
12 years Brahmacharya benefits | 12 साल का अखंड ब्रह्मचर्य का जादू | ब्रह्मचर्य मंत्र | Vijay Kumar