अध्यात्म के रास्ते पर चलता हुआ साधक हर प्रकार की सिद्धियां प्राप्त कर सकता है | अगर हम ब्रह्म के दर्शन करना चाहते हैं तो हमें सिद्धियों की चाहत छोड़नी होगी | ये सिद्धियां ही है जो हमें प्रभु से साक्षात्कार करने में आड़े आती है | सच्चा साधक कभी भी सिद्धियों के चक्कर में नहीं पड़ता, वह तो सिर्फ़ प्रभु का साक्षात्कार करना चाहता है |
सिद्धियां प्राप्त करना एक कमर्शियल एक्टिविटी है जिसको अध्यात्म सपोर्ट नहीं करता | अध्यात्म के रास्ते पर सिद्धियों का कोई महत्व नहीं | एक आध्यात्मिक साधक अगर कोई सिद्धि मिल भी जाए तो उसका इस्तेमाल नहीं कर सकता, ऐसा करने की ब्रह्म इजाज़त नहीं देते | सिद्धियों का इस्तेमाल हमेशा संपूर्ण मानव जाति के परोपकार के लिए किया जाना चाहिए ऐसा शास्त्र कहते हैं |
What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है ? Vijay Kumar Atma Jnani