कर्म का पुनर्जन्म से क्या संबंध है ?


मृत्यु के समय का karmic balance तय करता है आत्मा को नया शरीर कहां और किस घर में मिलेगा | यह भी संभव है इस जन्म में हम भारत में भोपाल के एक घर में पुरुष पैदा हुए और अगला जन्म हमारी आत्मा को स्कॉटलैंड में एक नारी के रूप में मिले |

 

जब से सृष्टि बनी है पूरा ब्रह्माण्ड कर्म theory पर आधारित है | जैसा करोगे वैसा भरोगे | अगर हम चाहते हैं मृत्यु के बाद हमारी आत्मा किसी अच्छे परिवार में शरीर धारण करे तो हमे हर समय पुण्यकर्मों में लिप्त रहना चाहिए न कि पापकर्मों में |

 

जब तक कर्मों का balance है आत्मा एक के बाद एक शरीर धारण करती रहेगी (पुनर्जन्म होता रहेगा) | आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर अगर कर्मों की पूर्ण निर्जरा हो गई तो आत्मा हमेशा के लिए जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अपने शुद्ध रूप में वापस आ जाएगी |

 

ऐसा मानव जिसकी आत्मा पूर्णतः शुद्ध हो गई अंततः मोक्ष प्राप्त कर लेता है | अब इस शुद्ध आत्मा का धरती पर शरीर धारण करने में कोई प्रयोजन नहीं रहता | मुक्त हुई आत्मा अब पूरे ब्रह्मांड में कहीं भी विचर सकती है |

 

What Karma really means? कर्म का वास्तव में क्या अर्थ है? Vijay Kumar Atma Jnani

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