पिछले सभी जन्मों के karmic balance के आधार पर आत्मा एक घर में जन्म लेती है | लेकिन कर्मफल का एक अंश संचित प्रारब्ध कर्मफल के रूप में प्रभु रोक लेते हैं | वह कभी भी फलित हो सकता है, अगले जन्म में या 4 जन्म बाद |
हमने किस घर में जन्म लिया, यह तय किया पिछले जन्म के कर्मफल ने | लेकिन हम नाराज़ है प्रभु से गरीब घर में क्यों पैदा किया ? इसमें ब्रह्म बीच में कहां से आ गए | जैसा हमारा कर्म, वैसा कर्मफल | सब कुछ हमारे कर्मों का नतीजा है |
जब हमारी मृत्यु होगी, हमारी आत्मा अगला शरीर किसी अमीर घर में लेगी या गरीब घर में, यह तय होगा हमारे इस जन्म के कर्मों के आधार पर | भगवद गीता में कृष्ण इसीलिए इस बात पर जोर देते हैं कि हमे हमेशा पुण्य कर्म करने चाहिए |
What is Prarabdha Karma | प्रारब्ध कर्म क्या होता है | Vijay Kumar Atma Jnani