जब पुराने जन्म के कर्म से ये जीवन मिलता है तो पहला जन्म हमें किस कर्म से मिला था ?


जब आत्मा पहली बार मनुष्य शरीर धारण करती है यानि ७३००००१ योनि तो वह सीधे पशु योनि से मनुष्य योनि में आती है | जैन धर्म में आप देखेंगे कि महावीर की मूर्ति के नीचे एक शेर दिखाया जाता है | माना जाता है कि महावीर सीधे शेर की योनि से आए थे | ऐसा संभव तो नहीं क्योंकि मनुष्य योनि में ही कितनी योनियां शास्त्रों का गूढ़ अर्थ समझने में निकल जाएंगी | फिर सीधे पशु योनि से महावीर, एक तीर्थंकर बनना संभव ही नहीं |

 

जैसे पशुओं के कर्म वैसा अगला जीवन | अगर हम ८४ लाख योनियों के सफर को १ से १०० के पटल पर देखें और अगर पशु से मनुष्य योनि का threshold ४० है तो हर पशु जो 40 का threshold पार करेगा या पहुंचेगा, उसे अगले जन्म में मनुष्य का रूप मिलेगा या कहें उस पशु की आत्मा अगले जन्म में मनुष्य का रूप धारण करेगी |

 

१०० पर आप महावीर या रामकृष्ण परमहंस बन जाते हैं और जीवन मृत्यु के उपक्रम से मुक्त हो जाते हैं हमेशा के लिए |

 

Are there 8.4 million species on Earth? चौरासी लाख योनियों का सच | Vijay Kumar Atma Jnani

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