जब से ब्रह्मांड उत्पन्न हुआ और सारी आत्माएं पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त हो गईं- यह ब्रह्मांड सिर्फ और सिर्फ धर्म और कर्म theory पर आधारित है | जैसा करोगे वैसा फल मिलेगा | ब्रह्म ने हर मनुष्य को will power और विवेक से सुशोभित किया है जिसके बूते पर वह अपना सांसारिक जीवन आराम से जी/ काट सके |
कर्म करना 100% इंसान के हाथ में है – भगवान इसमें बिल्कुल भी interfere नहीं करते और न ही इसमें आत्मा की दखलंदाज़ी होती है | ब्रह्म और आत्मा दोनों दृष्टा बने रहते हैं | हमें जीवन में जो भी मिलता है वह हमारे अपने कर्मों का ही फल होता है – चाहे इस जन्म के कर्म फलित हों या उनमें कुछ अंश संचित प्रारब्ध कर्मों का भी हो |
What Karma really means? कर्म का वास्तव में क्या अर्थ है? Vijay Kumar Atma Jnani