भगवान कहां स्थित हैं – हमारे हृदय में अंश रूप में आत्मा बनकर बैठे हैं | अगर हमारी सोच positive है – हम कभी किसी का गलत नहीं सोचते हैं तो भगवान के दर्शन समय समय पर होते रहेंगे | 5 वर्ष की आयु से हमेशा सब का भला सोचा और किया, मुझे तो कभी महसूस नहीं हुआ कि परमात्मा मेरे साथ नहीं |
ब्रह्म से बात भी खुल कर होती है – क्योंकि सत्य को कसकर जो पकड़ा है | अगर भगवान का साथ चाहिए या उनसे बात करनी हो तो सत्य की राह पकड़ लें | भगवान खुद ही जीवन में आकर दर्शन देने लगेंगे |
Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani